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यदि आपने इस जन्म के समय या अपने पिछले जन्म में भी बड़े या छोटे पाप किए हैं, और उसकी वजह से आपका जीवन कष्टक बना हुआ है हर तरह की नई नई परेशानी आपके सामने पैदा हो रही है आप एक समस्या का निदान नही करपाते तब तक नई समस्या पैदा हो रही है तो ऐसे में निश्चित ही आपकी कुंडली मे किसी न किसी ग्रह का प्रवेश हो गया रहता है। ऐसी दशा में राहु का प्रभाव आपको सबसे अधिक परेशान करता है और उसकी निजात के लिए आपको तो स्वच्छ निर्मल मन से राहु बीज मंत्र का जाप करके अपने दैनिक जीवन आने वाली सारी विशुद्धियों को दूर शुद्ध करके अपने जीवन को कष्ट मुक्त कर सकते हैं। परंतु आपका इरादा आपकी आत्मा को अपने जीवन की समस्याओं को शुद्ध व खत्म करने का होना चाहिए और राहु आपको उसी के साथ आशीर्वाद देगा।

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से हुई है। गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी भी कहा जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ मास के

काम के कारण जप में बाधा आने पर हाथ-पैर धोकर फिर से जप करें। बाकी मंत्र जप की संख्या को थोड़ी-थोड़ी

मां जग्दम्बे के नव रूप, दश विद्या, पूजन, स्तुति, भजन सहित पूर्ण साहित्य व अन्य 

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पीछे श्रीं सम्पुट लगाकर जप करने से दरिद्र का नाश होता है। इसके साथ ही रविवार को व्रत किया जाए तो ज्यादा लाभ होता है। संतान संबंधी परेशानियां दूर करने के

- नए साल की कुंडली में काल सर्प योग बनना देश के लिए शुभ नहीं है. इससे राजनीतिक दलों के बीच टकराव बढ़ेगा. ऐसे हालात में राजनेता जनता के हितों के बजाय अपने हितों को पूरा करने में लगे रहेंगे. - ग्रहों की यह स्थिति शत्रु देशों की बुरी चाल से भी आगाह करती है. अनदेखी करने पर शत्रु देश में बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं.

मंत्र का जाप केवल रुद्राक्ष माला से ही करे. इस मंत्र का जप उसी जगह करे जहां पर भगवान

हैं व सांसारिक सुखों और पुरुषार्थ को प्रदान करते हैं। इसी को 'मन्त्रसिद्धि' कहते हैं।

श्रेष्ठ कौन मंत्र: नवार्ण, गायत्री या महामृत्युंजय

ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु प्रचोदयात्।

मंत्र के मध्य में रखे गए है। इस पद के बाद आया विच्चे read more पद भगवती की शरणागति का द्योतक

चारों कीलों पर मोली बांधकर भैरव के सामने कर दें और काल भैरव से प्रार्थना करें वे इस विधि को सफल करें। साथ ही उनसे ये भी कहें कि अगर आपसे इस विधि में कोई गलती भी हो तो माफ कर दें।

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